“चरित्र निर्माण से श्रेष्ठ नागरिक निर्माण और श्रेष्ठ नागरिकों से राष्ट्र निर्माण।”
जयपुर (राजस्थान) में स्थित नचिकेता गुरुकुल की स्थापना 12 जनवरी 2018 (युवा दिवस) को इस पावन संकल्प के साथ की गई कि शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम न रहकर, चरित्र निर्माण, संस्कार संवर्धन और श्रेष्ठ नागरिक निर्माण का साधन बने। गुरुकुल का ध्येय है कि युवा शक्ति एवं मातृ शक्ति को शिक्षा, संस्कार, खेल, अध्यात्म और सेवा के माध्यम से राष्ट्र निर्माण की धारा से जोड़ा जाए ।
यह कार्य समाज के प्रबुद्ध जनों के मार्गदर्शन और सहयोग से संचालित होता है। नचिकेता गुरुकुल का प्रेरणा-स्रोत वे पौराणिक काल के नचिकेता हैं – जिन्होंने सत्य, ज्ञान और आत्मबल के लिए यमराज तक से प्रश्न किए थे। उसी आदर्श को आत्मसात करते हुए, यह संस्था ऐसे ओजस्वी, तपस्वी और राष्ट्रभक्त विद्यार्थियों का निर्माण करने का संकल्प रखती है, जो समाज को नई दिशा और राष्ट्र को नई ऊँचाइयाँ दें ।
“चरित्र निर्माण से श्रेष्ठ नागरिक निर्माण और श्रेष्ठ नागरिकों से राष्ट्र निर्माण।”
नचिकेता गुरुकुल की दृष्टि है कि आने वाली पीढ़ी को ऐसा वातावरण मिले जहाँ वे भारतीय परंपरा और संस्कृति में रचे-बसे हों, साथ ही आधुनिक विज्ञान और ज्ञान से सुसज्जित हों । हम शिक्षा को केवल पुस्तकीय ज्ञान नहीं मानते, बल्कि जीवन निर्माण और राष्ट्रोत्थान का सर्वोच्च साधन मानते हैं । शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल रोजगार तक सीमित न होकर, चरित्र निर्माण, श्रेष्ठ नागरिक निर्माण और राष्ट्रोत्थान बने ।
हम मानते हैं कि राष्ट्र की वास्तविक शक्ति युवा शक्ति एवं नारी शक्ति है । यदि इन्हें संस्कार, अनुशासन और आत्मबल से सज्जित किया जाए तो वे समाज को नई दिशा और राष्ट्र को नई ऊँचाइयाँ प्रदान कर सकते हैं । इसी विश्वास के साथ नचिकेता गुरुकुल राजस्थान की धरा पर कार्यरत है ।
“ हमारा मिशन है – शिक्षा को संस्कार और राष्ट्र निर्माण का माध्यम बनाना ’’
नचिकेता गुरुकुल का संकल्प केवल एक शैक्षणिक संस्था चलाना नहीं है, बल्कि राष्ट्र निर्माण की उस पवित्र साधना को आगे बढ़ाना है जहाँ हर बालक और हर बालिका केवल विद्यार्थी नहीं, बल्कि चरित्रवान नागरिक के रूप में विकसित हों ।
यदि युवा और महिलाएँ जाग्रत हों तो राष्ट्र की दिशा और दशा दोनों बदल सकती हैं ।
इसीलिए हमारा संकल्प हैं—